नंबर बोले, किस्मत खोले - 2

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सभी मूल अंकों 1,2,3,4,5,6,7,8 और 9 का सभी ग्रहों से ठीक वैसा ही संबंध है, जैसा कि बारह राशियों के साथ होता है। ग्रहों की चर्चा किये बगैर किसी भी तरह के ज्यातिषीय प्रभाव की गणना नहीं की जा सकती है। व्यक्ति जन्म से लेकर पूरे जीवन काल के दौरान ग्रहों के प्रभाव में बना रहता है। इसकी चाल और एक-दूसरे पर प्रभाव की दशा में व्यक्ति अपनी क्षमता और ऊर्जा को अर्जित करता है। किसी भी व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और स्थान के सीधा संबंध उन ग्रहों के साथ सीधे तौर पर खगोलिय गणना के अधार पर बन जाता है। उसके बाद जैसे-जैसे ग्रहों का परिभ्रमण होता है वैसे-वैसे व्यक्ति अपने ऊपर उन ग्रहों के प्रभाव को महसूस करता है। इसके आकलन के लिए ज्यातिष में राशियों से निकाला जाता है, तो एक अन्य तरीका अंक ज्योतिष में भी है। इसे समझने से पहले आइए पहले जानते हैं कि ग्रहों की चाल और दिशा कैसी होती है। नोट: इस ई—बुक को पढ़ने से पहले पहला भाग भी अवश्य पढ़ें।