(जीप के रुकने की आवाज आती है। सोहर, मनोहर और अंगरक्षक प्रवेश करते हैं। सोहर बैठकखाने के अपने खास आसन पर सुस्ताते हुए से बैठ जाते हैं। मनोहर आवाज लगाता है।) मनोहर : गपलू...जरा पानी-वानी लाना भाई । (उमा देवी आ जाती है।) उमा देवी : बहुत देर लगा दी आपलोगों ने ? सोहर : कई गांव जाना पड़ा...सबका रोना-धोना और फरियाद सुनना...देर तो हो ही जाती है। अभिराम आ गया...कहां है वह ? उमा : आराम कर रहा है ऊपर।