प्रेम समर्पण

  • 11.3k
  • 4
  • 1.7k

शोभा रस्तोगी0965267277shobharastogishobha@gmail.com प्रेम विवाह या अरेंज्ड विवाह जीवन में कुछ भी पूर्ण नहीं होता । कही कुछ कमी तो कही कुछ । मानव जीवन खुशबुओं का गुलदस्ता है तो बदबू के भी हज़ार रास्ते है । जिन्दगी का हर मोड़ दोराहे पर खुलता है । किसी एक बात का सौ प्रतिशत ठीक होना स्वप्न सा है । जीवन के अनेक अध्यायों में से विवाह भी एक अति महत्वपूर्ण और खूबसूरत पाठ है । विवाह प्रकारों में से एक है प्रेम या गन्धर्व विवाह । अब प्रेम तो हिन्दू, मुस्लिम, ,ईसाई , फलाना, ढिमका नहीं होता न । प्रेम तो प्रेम