Khushbu

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पंजाबी कहानी खुशबू तलविन्दर सिंह अनुवाद : सुभाष नीरव कान्फ्रेंस के दौरान मुझे किसी ने बताया कि हनीफा बीबी मुझे खोजती घूम रही है। मैं भी उसे ढूंढ़ रहा था। सोच रहा था कि अब दोपहर के खाने के समय ही मुलाकात होगी, पर अचानक किसी ने पीछे से आकर मेरे कंधे पर आहिस्ता से धौल जमाई। मैंने पलट कर देखा तो पैंसठ—छियासठ साल की, कसी कदकाठी वाली एक औरत मुस्करा रही थी। उसके गोरे चेहरे पर सुनहरे फ्रेम वाली ऐनक खूब फब रही थी। बोली, “तू सुरिंदर ही है न?” मैंने सिर हिलाया, “आप...?” “हाँ वही।” उसने जवाब दिया,