Aajadee

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आजादी धीरेन्द्र अस्थाना यह पहली बार नहीं था। दो हजार एक सौ नब्बे दिन के इस लम्बे, मनहूस समय में ऐसा छह बार हुआ था। दो हजार एक सौ नब्बे दिन अर्थात्‌ छह वर्ष। छह वर्ष में छह बार। अर्थात्‌ वर्ष में एक बार। प्रत्येक वर्ष का वह दिन बेहद तनाव, बेहद उत्तेजना और बेहद चमत्कारिक दिन होता था जिस दिन उसकी नौकरी का एक और वर्ष कम्पलीट होता था। जिस दिन उसकी तीन अंकों वाली, मगर चार अंकों से बहुत दूर, तनख्वाह में बीस रुपये का एक इंक्रीमेंट और जुड़ता था। ठीक इसी दिन उसके दिमाग की नसें तड़तड़ाती