आदमियों के अलग-अलग दरजे

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लड़के, लड़कियों और सयानों को भी इतिहास अकसर एक अजीब ढंग से पढ़ाया जाता है। उन्हें राजाओं और दूसरे आदमियों के नाम और लड़ाइयों की तारीखें याद करनी पड़ती हैं। लेकिन दरअसल इतिहास लड़ाइयों का, या थोड़े- से राजाओं या सेनापतियों का नाम नहीं है। इतिहास का काम यह है कि हमें किसी मुल्क के आदमियों का हाल बतलाए, कि वे किस तरह रहते थे, क्या करते थे और क्या सोचते थे, किस बात से उन्हें खुशी होती थीं, किस बात से रंज होता था, उनके सामने क्या-क्या कठिनाइयाँ आईं और उन लोगों ने कैसे उन पर काबू पाया।