यह एक रोचक कहानी है जो जनश्रुति पर आधारित है जहाँ अटूट प्रेम हत्या के षड्यंत्र से गुजरकर आता है। लोमहर्षक कथा। कथाकार ने अपनी माँ के मुँह से सुनी कहानी को यहाँ तनिक रद्दोबदल के साथ यहाँ रखा है। पारम्परिक कहानी जहाँ दुखांत हैं वहीं यह कहानी सुखांत। लोकप्रचलित कहानी में जहाँ एकतरफा प्रेम विचलित कर देने वाला अंत लिए हुए है, कथानायक को एक नृशंस हत्यारे में तब्दील करती हुई, वहीँ प्रस्तुत कहानी में कथानायक किशोर एक हृदयपरिवर्तित प्रेमी के रूप में हमारे सामने आता है। वयस्क होने की दहलीज पर पहुँचते दो किशोर किशोरियों को घृणा एवं अविश्वास की अदम्य ऊंचाई से चलकर अकुंठ प्रेम पाश में बंधने के शब्दबंध को लीजिये आप पाठक भी अपने अंतरतम में महसूसने को विवश होते चलिए!