Pyar ke Khuni Dhabbe

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मनी प्लांट के गमले में पानी डालती मालती का मन नए पत्तों के पल्लवित होने पर उसकी खुशी को दुगना कर देते थे . सृजन प्रक्रिया का क्रम उसके दाम्पत्य जीवन को चिढा भी रहा था ..... . . निसंतान मालती और मोनेश की बेचैनी उनके मुख मंडल पर स्पष्ट दिखाई देती थी . उन दोनों ने बच्चे की चाह में नंगे पैर गंगा में नहाकर के मंदिरों में जाकर कितनी सारी प्रार्थनाएं की थी , तीर्थ नगरियों में जाकर कितने टोने - टोटके , तंत्र - मन्त्र , जाप , दान , पुण्य भी किए थे और कितने ही सिद्ध साधु - संतों की शरण में भी गए थे.