Uska Sapna

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आंख खुलते ही सौरभ बिस्तर से कूदा। वह चहकता हुआ किचन में आया जहां उसकी पत्नी सुनयना चाय चढ़ा रही थी। ‘अरे यार, कमाल हो गया।’ सौरभ जोर से बोला। ‘क्या हुआ?’ सुनयना ने उसकी ओर बिना देखे कहा। ‘मिल गया, मिल गया वही जो मैं पिछले कुछ दिनों से खोज रहा था। बिल्कुल एकदम वही आइडिया जो मैं चाह रहा था। ’ ‘क्या कह रहे हो तुम?’ सुनयना ने जम्हाई ली।