मुक्ति

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मुक्ति कुम्हार रामदीन कुल्हड़ भी था काम ढूँढने के लिए वो भागता हुआ रेलवे स्टेशन की और बढ़ा काम नहीं मिला पुश्तैनी धंधा बंध हो जाना - सिर्फ त्योहारों के दिनों मैं कुम्हार के बने हुए साधन की जरूरत रहना - अपने पैसे लाला को जमा करवाना - सरकारी आदेश आना और रामदीन को काम मिलना - कुल्हड़ बनाने के लिए काम करना - कुल्हड़ बनाने के बाद भुगतान मांगने जाना क्या होगा रामदीन का पढ़िए एक अद्भुत स्टोरी !