Baki Masale

  • 4k
  • 1.2k

हवाओं के झोके उधर से इधर आते और चंद पलों में ही धोरों की शवलें बदल जाती न जाने विभाजन के बाद कितने रेट के कण, परिंदे, इंसानी जज्बात और दुआएं सरहद को बेमानी करती हुई उधर से इधर और इधर से उधर आती-जाती रही है और सियासी रंजिशो को अंगुठा दिखाती रही है ऐसे में अफ़सोस यही है कि दोनों मुल्कों की हुकूमते छाती ठोंककर दावा करती है कि उनकी मर्जी के बिना पता भी नहीं हिल सकता है हुकूमते जाने अपने दावे रणजीत सिंह को तो यह भी पता नहीं था कि यह पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के बीच लफड़ा क्या है?