स्वच्छ भारत मुहिम के बावजूद सफाई के मामले में हम अभी बहुत पीछे है, लेकिन हमारे देश में एक ऐसा भी गांव है जो शायद सबसे साफ़ सुथरा गांव है। इस गांव को भगवान का अपना बगीचा कहा जाता है। यह गांव है मेघालय के शिलॉंग और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर हिल्स डिस्ट्रिक्ट में मावल्यान्नॉंग है। यह खासी जनजातियों का गांव है। सफाई के साथ ही यह गांव साक्षरता में भी अव्वल है। यहां केवल पर 195 परिवार रहते है। इनकी आजीविका का मुख्य साधन पान के साथ खाने वाले सुपारी का उत्पादन है। गांव के चारो तरफ सैकड़ों बाग हैं, जिसके सुपारी लगा है। हरियाली के बीच यहां लोग घरेलू कूड़े-कचरे को भी बांस के डस्टबिन में जमा करके खाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है। कूडे के सार्थक उपयोग के चलते .चारो तरफ सफाई और हरियाली है। पूरा गांव एक साफ मंदिर सा प्रतीत होता है, जिससे आस पास के लोग इस गांव को भगवान का बगीचा मानते है।.