उम्र के तीसरे /चौथे पड़ाव पर नारी मन एकाकी हो जाता और पुरुष व्यस्त | प्रेम को पल्लवित होने का समय ही नही मिल पता और पनपने लगती कुछ नाराजगियां | कैसे मनाये रूठे साजन को कैसे मनाये अपनी सजनी को की उहापोह फिर से उनको कैसे करीब ले आती पढ़िए इस नौंक झोंक भरी मासूम सी कहानी की