अन्तर्निहित - 21

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[21]येला की कार्यशाला में भोजन के उपरांत सारा तथा शैल चिंतन करने लगे कि अब इस मंजूषा में आगे कैसे बढ़ा जाए? दोनों में से किसी को भी कोई मार्ग दिख नहीं रह था। दोनों इसी कारण मौन थे। तभी उर्मिला ने आकर कहा, “आप जब जाना चाहो, हमारा वाहन आप को स्टेशन तक छोड़ देगा।”सुनते ही दोनों को झटका लगा, “हम को यहाँ से जाने का आदेश दे रही है येला।” सारा ने कहा। “तो हमें चले जाना चाहिए।”“बात तो ठीक है किन्तु..।” सारा रुकी। घड़ी भर विचार कर बोली, “हमें यहाँ से चलना ही चाहिए। यही उचित होगा, हैं