रात का समय हो गया था और यासीन उन दोनों को लेकर एक कमरे में बैठी थी के तभी दुसरे कमरे से किसी के आने की आहट हई. बादल ने देखा की उस कमरे से एक औरत नकाब पहने हुये उनकी तरफ चल कर आयी. उस औरत को देखकर ज़ेबा के चेहरे पर खुशी और आँखों से आंसू आने लगे. फिर यकायक ज़ेबा उस औरत के सीने से लीपटकर रोने लगी थी. बादल यह देखकर अभी भी असंमजस में था के तभी उसके कानों में आवाज आयी, " कैसे हो बेटा." बादल इथर उधर देखने लगा तभी वह औरत फिर