हर कहानी में एक हीरो होता है।मगर कुछ कहानियाँ ऐसी होती हैं, जहाँ हीरो नहीं, एक खामोश औरत की पीड़ा ही सबकुछ बदल देती है।यह कहानी है एक ऐसे घर की — जहाँ प्यार था, मगर झूठ ने उसे मार दिया।जहाँ एक बेटी ने देखा कि उसकी माँ कैसे टूट रही है,और फिर उसी बेटी ने उस घर में वापस रोशनी लाने की कसम खाई।---दिल्ली के पॉश इलाके में बनी विशाल कोठी “मल्होत्रा हाउस” में सुबह की पहली किरणें खिड़कियों से झाँक रही थीं।डाइनिंग टेबल पर सुजाता मल्होत्रा ने हमेशा की तरह सबके लिए नाश्ता लगाया था — पर आज