इन केस ऑफ इमरजेंसी

  • 945
  • 1
  • 276

इन केस ऑफ इमरजेंसीअध्याय एक: युद्ध की गरजतोपों की गर्जना से पूरा आसमान काँप रहा था. गोलियों की बौछारें और बमों के धमाके चारों ओर गूँज रहे थे. हवा में धुआँ, बारूद और मौत की गंध तैर रही थी.मेजर रंजीत सिंह अपने हेलमेट को कसकर पहनते हुए बोले —> “ टीम अल्फा! पोजिशन लो! दुश्मन की पोस्ट नॉर्थ- ईस्ट तीन सौ मीटर पर है — तैयार रहो!उनके आदेश पर सैनिक जमीन पर झुक गए, बंदूकों के ट्रिगर पर उंगलियाँ तनी हुईं.> सिपाही अर्जुन ने कहा, सर, उनके पास हेवी मशीनगन है. हमें बायें तरफ से घुसना होगा।मेजर ने शांत आवाज