दिल की दहलीज

  • 2.3k
  • 525

अक्टूबर की एक खुशनुमा शाम थी, जब देहरादून की सर्द हवाओं में, निशांत और रिया पहली बार मिले। निशांत एक उभरता हुआ फोटोग्राफर था, जिसकी नजरों में दुनिया सिर्फ एक तस्वीर थी। रिया, एक आर्किटेक्ट, जो जिंदगी को अपनी योजनाओं के खांचों में ढालना चाहती थी। उनकी मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में हुई थी, जहाँ निशांत अपनी पुरानी फिल्म कैमरा के साथ कुछ ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें खींच रहा था, और रिया कोने में बैठकर अपनी डायरी में कुछ स्केच बना रही थी।"अकेले में इतना क्या सोच रही हो?" निशांत ने उसके पास जाकर पूछा। उसकी आवाज में