हमारी अधूरी कहनी...

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शलभ ने कैमरा घुमाया तो कुदरत की सुंदरता सेसम्मोहित सा हो गया। दूर तक फैली दूधिया रंग केइठलाते पानी के किनारे आसमान से होड़ लगाते पहाड़ोंपर ताड़ के पेड़ और कई जगह चांदी की धारियों सीदिखाई देतीं नदियां। ज़िंदगी में पहली बार शलभ केमन ने बगावत की कि ये व्यू तो उसे बिना कैमरे के खुदअपनी आंखों से देखना ही है कुछ देर। हर खूबसूरत व्यूको केवल कैमरे की आंखों से देखने वाला फेमस ट्रैवलव्लागर आज जाने क्या देखकर इतना भावुक हो गयाथा कि कैमरा उठाने का दिल नहीं कर रहा था। आजउसे समुद्र के उस दीप पर बना वो