भाग 6: शारीरिक और मानसिक संतुलनकामसूत्र के इस भाग में यह बताया गया है कि जीवन में शारीरिक और मानसिक संतुलन कितना महत्वपूर्ण है। शारीरिक संबंध केवल शारीरिक सुख का साधन नहीं होते, बल्कि वे मानसिक और भावनात्मक संतुलन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए शारीरिक और मानसिक पहलुओं का सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक है। महर्षि वात्स्यायन का यह संदेश है कि शारीरिक सुख तभी सही होता है, जब वह मानसिक संतुष्टि और भावनात्मक सामंजस्य के साथ होता है।शारीरिक संतुलन की आवश्यकताशारीरिक संतुलन का मतलब है कि व्यक्ति अपने शरीर की देखभाल