एक अधूरी मोहब्बत

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सर्दियों की एक ठंडी शाम थी। दिल्ली की गलियां कोहरे की चादर ओढ़े हुए थीं। वही पुरानी किताबों की दुकान के सामने एक लड़का खड़ा था—आर्यन। 23 साल का आर्यन, जो हर शाम यहां आता था, किसी खास का इंतजार करने। लेकिन वो 'खास' कौन थी, ये कोई नहीं जानता था।   आज भी उसकी नज़रें उसी गली की तरफ थीं, जहां से अनन्या अक्सर गुजरती थी। अनन्या, जो अपनी सादगी और मुस्कान से किसी का भी दिल जीत सकती थी। वो अक्सर वहीं से गुज़रती थी, अपने स्केचबुक और पेंसिल के साथ।   आर्यन को याद था वो पहली