..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 3

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...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!सात्विक उनके जाने के बाद.....रूम का डोर लॉक कर.....बेड पर मुंह के बल लेटे हुए.....आंखों में बेहद जुनूनी भाव लिए खुद से कहते है:तुम्हे तो अब मेरा होना है.....मेरे पास आना है.....अब मेरा सब्र खत्म हो रहा है.....जी कर रहा है.....अभी तुम्हारे पास आ कर तुम्हे अपने सीने से लगा लू.....थोड़ा इंतजार करो.....जल्द तुम्हे खुद से बांधने आऊंगा.....!!इतना कह वो अपनी आँखें बंद कर लेते है.....और नींद उन्हें अपनी आगोश में ले लेती है.....अगली सुबह...!!द्रक्षता के घर...!!द्रक्षता रोज की तरह उठ कर पूजा कर.....नाश्ता बना.....आज वोह कॉलेज जाने वाली थी.....इस बात से पूरी तरह अंजान की.....उसकी जिंदगी में