आकाश तकरीबन दस बजे घर में आया। तब तक सब डिनर कर चुके थे। आकाश ने सबसे अपनी मां के रूम में देखा तो वह भी सो चुकी थी। कुछ दिनों से वह बहुत व्यस्त था अपने काम में, जिस वजह से उनसे ठीक से बात भी नहीं कर पाया। उन्हें देखने के बाद आकाश ने काव्या के रूम का दरवाजा खोला, काव्या के रूम की लाइट्स बंध थी। काव्या भी सो चुकी थी यह सोच के आकाश ने दरवाज़ा बंध करना चाहा।दरवाजा पूरी तरह से बांध हो, उससे पहले काव्या ने कहा, "काफी दिनों बाद घर आए हो, क्या