हवेली में प्रवेश एक ठंडी रात में, जब पूरा गाँव गहरी नींद में सो रहा था, विक्रम ने हवेली की ओर कदम बढ़ाए। उसने अपने साथ एक टॉर्च, नोटबुक, और एक कैमरा लिया। हवेली की दरवाजे पर पहुँचते ही उसे वही ठंडक महसूस हुई जो अमन ने वर्षों पहले महसूस की थी। लेकिन उसकी जिज्ञासा ने उसके डर को दबा दिया। विक्रम ने हवेली का दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा। वहाँ की दीवारें अब और भी जर्जर हो चुकी थीं, और हर कोने में धूल और मकड़ियाँ थीं। उसने धीरे-धीरे टॉर्च की रोशनी में कमरों को खंगालना शुरू किया।