श्री गणेशाय नमः। ये कहानी है इसे राजकुमार की जिसने अपने जीवन में हमेशा केवल कठिनायिओका सामना करना पडा। शस्त्र, शास्त्र हर कला में वे निपुल थे।पर कहते है ना अच्छे लोगोको हमेशा बुला दिया जाता हे।वही इनके साथ हुवा जिसे कोई नही मर पाया उसे अपने के धोखे के कारण मरना पड़ा। ये कहानी ही मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति की हर बार नियति ने उनकी परीक्षा ली पर हर बार वह डटकर खड़े हुए।ये कहानी तब सुरु होती है जब मुगल साम्राज्य अपनी जड़े भारत में मजबूत बनाई थी। उनकी जुल्म