मनीषा के दिमाग में सहदेव की बेवफाई का हर एक दृश्य स्पष्ट था। रात भर उसने करवटें लीं, उसकी आंखों में गुस्सा और दिल में प्रतिशोध था। उसने खुद से वादा किया कि सहदेव को उसकी हर हरकत का जवाब देना होगा। अगली सुबह ऑफिस में हलचल थी। हर कोई अपने काम में व्यस्त था। सहदेव अपने केबिन में था, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था। उसने एक बार फिर खुद को शीशे में देखा और मुस्कुराया। "अरे भाई, बड़े खुश नजर आ रहे हो। क्या बात है?" आदित्य ने ठहाका लगाते हुए कहा। "कुछ नहीं, बस एक नए प्रोडक्ट की एडवर्टाइजमेंट सोच रहा