ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो साथ, समर्पण और त्याग की मसाल कायम करती है जो वास्तव मे प्रेम किसे कहते है वो सिखाती है। " ये कहानी स्कूल के उन दिनों की है जब मे स्कूल मे कक्षा ग्यारहवी मे पढ़ रहा था। तब मेरी पहली बार किसी लडकी के साथ दोस्ती हुवी थी। इसके पहले कोई भी लडकी मेरी दोस्ती नही बनी क्युकी मे खुद पढाई मे इतना खोया सा रहता की कभी ध्यान ही नही दिया की क्लास मे लड़किया भी पढ़ती है ! एक बार मे क्लास मे प्रोजेक्ट बना रहा था तब एक लडकी मेरे पास