शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 32

"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दील"( पार्ट -३२)डॉक्टर शुभम और रूपा फ़ोन पर बातचीत करते हैं।रूपा युक्ति के बारे में बताती है। युक्ति की डिलीवरी के बाद युक्ति ने रूपा को बहुत परेशान किया था। युक्ति मानसिक रूप से बिमार थी।अब आगे...डॉक्टर शुभम:- "रूपा, कृपया अब उन पुरानी बातों के बारे में बात मत करो। युक्ति फिर भी मेरी पत्नी थी। मेरे बच्चों की मधर थी।युक्ति भी इस दुनिया में नहीं रही। अब उसकी बातें करने से क्या फायदा? जो हो गया वो भूल जाओ। याद रखोगी तो परेशानी बढ़ जाएगी।अगर प्रांजल आएगी तो युक्ति के बारे में ऐसी