राजीव को इस तरह देखकर अनामिका का दिल टूट गया। सुहाग रात के सुंदर सपने पल भर में शराब ने चकना चूर कर दिए। उसने राजीव को रोकने की बहुत कोशिश की। उसे ऐसा लग रहा था कि यह प्यार नहीं, बल्कि एक प्रकार की जबरदस्ती है। वह उसकी मर्जी के खिलाफ ऐसा हरगिज़ नहीं होने देगी। उसने राजीव से कहा, "राजीव छोड़ो मुझे, कल शराब के बिना मेरे पास आना हम तभी एक हो सकेंगे ... ऐसे तो बिल्कुल नहीं।" "अरे शराब के बिना कैसे बुला रही हो? शराब के साथ ही शबाब का मज़ा आता है। मैं तो