1. बाल कहानी - सोच में बदलावरामू गरीब किसान था। उसके तीन बच्चे थे। दो लड़के एक लड़की। रामू के माता-पिता भी उसके साथ रहते थे। रामू को अपना परिवार चलाने में बड़ी तंगी का सामना करना पड़ता था। रामू ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था। उसके माता-पिता और पत्नी अशिक्षित थे।रामू के गाँव में बेटियों को पढ़ाया-लिखाया नहीं जाता था। गाँव में उन्हें बोझ समझा जाता था।रामू के दोनों बच्चे अब बड़े हो चुके थे। रामू ने उनका दाखिला सरकारी स्कूल में करा दिया। जब रानी की उम्र पढ़ाई के लिए हुई, तब उसका नाम विद्यालय में नहीं लिखाया। अध्यापकों के