अग्निहोत्री हाउसविराट तूफान की तेजी से गाड़ी ड्राइव कर 30 मिनट का रास्ता 12 या 13 मिनट में तय करके अग्निहोत्री हाउस पहुंच गया था । वो गाड़ी से उतरकर बिना श्लोक के और देखें अंदर चला गया ।वहीं श्लोक अभी तक बुत बने सीट से चिपक कर बैठा हुआ था ।जिस तेजी से विराट गाड़ी चला रहा था, श्लोक को पूरी दुनिया मेरीगो राउंड जैसा फील हो रहा था ।जब उसे पेट में कुछ अजीब सा फील हुआ उसे एहसास हुआ की गाड़ी रूक चुकी है।हॉल में अनुपमा जी (विराट और श्लोक की मां )सारे नौकरों को इधर-उधर काम