अब तक हम ने पढ़ा की लूसी रोवन और झुमकी कब्रिस्तान वाले बाबा से मिलने फुलवारी जा रहे थे। जाते जाते काफी देर रात हो गई थी। रात की शरसराती ठंडी हवाएं जिस्म को छू रही थी। आसपास घनघोर सन्नाटा पसरा हुआ था। दूर में एक गांव बसा था जहां से टिमटिमाती रौशनी दिखाई दे रही थी। उस रौशनी को देख कर दिल में साहस की एक लॉ जल उठी थी भले ही वो चंद घर बड़ी दूर में बसे थे। जहां इनकी आवाज़ तक नहीं पहुंच पाएगी।तीनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर कब्रिस्तान के पुराने से जंग लगे