में और मेरे अहसास - 114

क़ायनात में दिलों से नफ़रतों को मिटाते चलो l प्यार मोहब्बत के धर धर दिये जलाते चलो ll   हरएक की अपनी मुसीबत अपना फ़साना है l जीनेकी राह दिखे वो फ़साना गुनगुनाते चलो ll   अश्कों में तबस्सुम ओ होंठों पे तरन्नुम लेके l सदाकत की राह पर चल हौंसला बढ़ाते चलो ll   खुद की क़िस्मत पर गुरूर अच्छा नहीं होता l साथ सभी के क़दम से क़दम मिलाते चलो ll   लोग चले जाते है प्यार अमर रहता है हमेशा l जिंदगी की राह में आतेजाते मुस्कराते चलो ll १-११-२०२४    जिंदगी आसान हो जाती है जब