अर्ध परिणीती

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दो प्यार करने वालों की छोटी सी स्टोरी 20 साल का एक लम्बा रिश्ता बहुत से सुख दुख आए जिंदगी में पर हर वक्त साथ थे वो नीती उस रिश्ते में बहुत खुश थीं उसकी तो पूरी दुनिया बस कुशल ही था सुबह की पहली सूरज की किरण से लेके रात के चांद की शीतलता तक नीती की हर बात उनहीं से शुरू उन्हीं पे खत्म होती थी कुशल के चारों ओर ही घूमती है उसकी जिन्दगी मन ही मन माता रानी को साक्षी मान के उसे अपना पति अपना सब कुछ मान चुकी है वो उसके लिए तीज रखती