दरिंदा - भाग - 12

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इस तरह अचानक अशोक अंकल को अपने सामने खड़ा देखकर अल्पा समझ ही नहीं पा रही थी कि वह क्या करे। कैसे उनसे नज़र मिलाये। उसके लिए यह शर्मास्पद लम्हा था क्योंकि अशोक तो सब कुछ जानते थे फिर भी उन्होंने उस समय चुप रहना ही ठीक समझा। लेकिन उस समय के हालात ने प्रिया को यह अंदाजा तो दिलवा ही दिया कि ऐसी कोई बात ज़रूर है जिसे अल्पा जी ने अब तक उससे छिपाया है। उसके बाद अल्पा अशोक से लिपटकर रोने लगी। उसके मुंह से बार-बार एक ही वाक्य निकल रहा था, "मुझे माफ़ कर दीजिए अंकल