में और मेरे अहसास - 113

जीवन के कोरे काग़ज़ को पढ़ सको तो पढ़ो l चंद लम्हों की मीठी यादे भर सको तो भरो ll   घटों लगाएं हुए हैं सजने सवरने में साजना l खूबसूरती की तारीफ़ कर सको तो करो ll   कोई किसी के संग उम्र भर साथ नहीं रहता l खुद पर खुद की तरह मिट सको तो मिटो ll   बहुत कठिन है किसी को अपना बनाना तो l खुद की परछाईं को जित सको तो जितो ll   दुनिया को जिस बेश में चाहिये उस तरह l आज दिखावे के लिए दिख सको तो दिखो ll   अब कभी