स्वाति को इस तरह से घबराते हुए देख मानुषी और माया एक दूसरे के सामने देखने लगते है। ओर साथ में ही स्वाति से पूछते हैं! क्या हुआ?? तुम इस कदर डर सी क्यों गई??? स्वाति ये सुनकर कहती है: हा?? नहीं ऐसा कुछ नहीं मुझे लगता है! मुझे कुछ गलतफेमली है! हमे जल्दी से घर जाना चाहिए अब .. वो इतना कह कर आगे चली जाति है! उसको इस कदर भागते हुए देख माया मानुषी से कहती है: मानुषी कुछ तो गड़बड़ हैं..... मानुषी: हा माया मुझे भी यही लग रहा है! कुछ तो गड़बड़ हैं... स्वाति बस स्टॉप पर आ जाती