अगले दिन सुबह प्रिया उठी और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई। कुछ ही देर में फिर उसी तरह बर्तन पटकने और रोने की आवाज़ें आने लगी। प्रिया घबरा रही थी, उसे डर भी लग रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। तभी उसके पापा ऑफिस जाने के लिए तैयार होकर ड्राइंग रूम में आए। अपने पापा को देखते ही प्रिया ने कहा, "पापा देखो ना वह अपनी पत्नी को फिर मार रहा है।" "प्रिया बेटा इस वक़्त हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे। मेरे ऑफिस का समय हो रहा है चलो तैयार होकर