सिर्फ एक रात का मौका दे दे....

सिर्फ एक रात का मौका दे दे. . . कहानी / शरोवन *** चार साल और छः माह के पश्चात फिर एक बार सिविल कोर्ट का बड़ा हॉलनुमा कमरा आज काफी लोगों से भरा हुआ था. कारण था कि, तनवी और आकाश के मुकद्दमें की आज फायनल तारीख थी. आज उनके संबंध-विच्छेद अर्थात तलाक का निर्णय हो जाना था. तनवी अपनी मां-पिता तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ आकर कोर्ट रूम में आकर बैठ चुकी थी. इसके साथ ही आकाश भी अपने मां-पिता तथा अन्य संबंधियों के साथ आकर बैठा हुआ था. तनवी और आकाश, दोनों ही के चेहरे जैसे सुस्त,