दिल से दिल तक- 2

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(Part-2)कालेज के आखिरी दिनों में ही हर्ष उस से कुछ खिंचाखिंचा सा रहने लगा था और फिर फाइनल ऐग्जाम खत्म होतेहोते बिना कुछ कहेसुने हर्ष उस की जिंदगी से चला गया. कितना ढूंढ़ा था उस ने हर्ष को, मगर किसी से भी उसे हर्ष की कोई खबर नहीं मिली. आभा आज तक हर्ष के उस बदले हुए व्यवहार का कारण नहीं सम झ पाई थी.धीरेधीरे वक्त अपने रंग बदलता रहा. डौक्टरेट करने के बाद आभा स्थानीय गर्ल्स कालेज में लैक्चरर हो गई और अपने विगत से लड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगी. इस बीच आभा ने अपने पापा