निर्णय का समय आदित्य ने गहरी साँस ली और अपने दिल की धड़कनों को सुनने की कोशिश की। उसे समझ आ गया था कि उसे अपने जीवन में बदलाव लाना चाहिए। क्या वह अपनी पत्नी के साथ खुश रह सकता है, या क्या उसे स्नेहा के साथ अपने प्यार का पीछा करना चाहिए? यह सवाल उसके मन में बार-बार घूम रहा था। एक दिन, आदित्य ने स्नेहा को बुलाया। बारिश फिर से शुरू हो गई थी, और दोनों एक कैफे में मिले। वहाँ की हल्की रोशनी और बारिश की बूँदें उनकी बातचीत को और भी खास बना रही थीं। आदित्य