बारिश की बूंदें और वो - भाग 4

भावनाओं का जाल जैसे-जैसे समय बीतता गया, आदित्य और स्नेहा की दोस्ती और गहरी होती गई। हर हफ्ते की मुलाकातें उनके बीच एक अनजानी खींचाव पैदा कर रही थीं। दोनों ने अपने-अपने जीवन के बारे में और अधिक साझा किया, जो उनके रिश्ते को और मजबूत बना रहा था। लेकिन इस गहरी दोस्ती के साथ-साथ आदित्य के दिल में एक और भावना भी पनप रही थी—प्यार। आदित्य को यह समझ में आ रहा था कि उसके दिल में स्नेहा के लिए एक गहरा आकर्षण है। उसकी मुस्कान, उसकी हँसी, और उसकी बातें सब कुछ आदित्य के मन में बसने लगे