रात का सन्नाटा गहराता जा रहा था, और शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक पुरानी हवेली में एक अनजाना भयावह साया फैल रहा था। यह हवेली कभी शान-ओ-शौकत का प्रतीक थी, पर अब यहां कोई आता नहीं था। लोग कहते थे कि इस जगह पर एक सुक्कुबस का साया मंडराता है—एक ऐसा प्रेत जो लोगों के सपनों में घुसकर उनकी आत्मा चुराता है। लेकिन यह सिर्फ किस्से-कहानियों में कहा गया था, सच्चाई कोई नहीं जानता था।अरविंद, एक महत्वाकांक्षी युवक, जिसने अपने जीवन में भूत-प्रेत और अंधविश्वासों को कभी गंभीरता से नहीं लिया था, हाल ही में शहर में आया