पंडित जी शादी शुरू करवाते हैं । पंडित जी कन्या दान करने के लिए कहते है ।राजीव शेरा को ईसरा करता है , शेरा जया के चाचा चाची को लेकर आता है ।वो दोनो बिना कुछ कहे जया का कन्या दान कर देते है । जया उनको उम्मीद से देख रही थी , पर वो दोनो मजबूर थे क्युकी राजीव ने उनके दोनो बच्चो को भी किडनेप कर लिया था।कन्या दान के बाद जया के चाचा चाची को राजीव के बॉडी गार्ड एक कमरे में बंद कर देते है ।जया राजीव को कहती है । ——— छोड़ दो मेरे चाचा