जय द्वारकाधीश.. जय भोलेनाथ.. श्री गणेशाय नमः... प्यार की कोई भाषा नहीं होती ..प्यार की कोई दिशा नहीं होती ..लिखा हो तकदीर में, वो किसी भी हालत में मिल जाता है ..कई भी जाओ कुछ भी हो जाए .. जो होता हैं वो रब की मर्जी से .... इसी तरह ही मेरे इस छोटी सी नोवेल दो कैरेक्टर सिद्धार्थ और महक .. कैसे एक दूसरे के साथ मिल जाते हैं.. ओर कैसे एक दूसरे के बन जाते है .. प्यार से पहले नफरत और नफरत के बाद प्यार .. क्या क्या होने वाला हैं। ये सब में आप को इस छोटी सी