सच्चा प्यार"रमेश, मुझे लगता नहीं है कि मेरे परिवार वाले हमारी शादी के लिए कभी भी तैयार होंगे ।" रजनी बहुत ही उदासी भरे लहजे में बोली ।"हां रजनी, मुझे भी ऐसा ही लग रहा है कि वे शायद ही हमारे रिश्ते के लिए तैयार होंगे । वर्तमान में हमारी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में जमीन और आसमान का फर्क जो है ।" रमेश भी बहुत निराश था ।"पर मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती रमेश । किसी और के साथ जीवन बिताने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकती ।" "वही हाल मेरा भी है यार रजनी, पर मेरे समझ में नहीं आ