"पता है मीरा, तुम यक़ीन नहीं करोगी!! चाचाजी मेरा एडमिशन कनाडा के सबसे जाने-माने आइस हॉकी इंस्टीट्यूट में करा रहे हैं!! मेरा बचपन का सपना था यह। लेकिन मेरे पास ठीक-ठाक प्रॉपर्टी सही, इतना कैश तो नहीं ही था कि अब्रॉड जाकर इतनी महंगी ट्रेनिंग का सोचूं। वह भी तब, जब बच्चे 12-13 साल की उम्र से ही खेलने लगते हैं। अब मुझे स्पोर्ट्स में करियर बनाने से कोई नहीं रोक सकता। मैं ख़ुद कनाडा जाकर सब देखकर और एडमिशन की फॉर्मलिटीज़ पूरी करके आ रही हूं। इट्ज़ बियॉन्ड इमेजिनेशन। बस यहां से जाते समय मेरा फोन खो गया था।