"वो एक्चुअली, में आपसे पूछना चाहती थी..." जय ने उसकी बात काटते हुए कहा, "यह आप दूसरी बार बोल रही है।""आप मुझे बोलने देंगे?" काव्या ने तिरछी नजरों से उसे देखते हुए कहा।"क्यों नहीं.. जरूर।""आकाश और श्रेया के बारे में, उसने बताया क्या हुआ था।" उसकी बात सुनते ही तुरंत जय ने कहा, "उसे तो खुद कुछ पता नहीं।""उसने जो कहा वो झूठ हो ही नहीं सकता।" काव्य की आवाज से साफ समझ आ रहा था कि जय की यह बात उसे पसंद नहीं आई, क्योंकि वो आकाश पे सबसे ज्यादा भरोसा करती थी।"हा... शायद उसने क्या हुआ यह कहा