अब तक : वाणी जी ने उसके सिर पर हाथ फेरा तो शिविका बोली " मैं संयम की जिंदगी में रंग वापिस लाऊंगी दादी... । मैं वादा करती हूं... " । शिविका ने कहा और फिर खड़ी होते हुए बोली " अच्छा अभी मैं चलती हूं.. बोहोत काम करने हैं... । शुरुवात कहां से करनी है वो मैने सोच लिया है..... । Good night दादी... " बोलकर शिविका जल्दी से कमरे से बाहर निकल गई ।अब आगे : शिविका कमरे में आई नोटबुक और pen ढूंढने लगी । ढूंढते हुए शिविका की नजर उस किताब पर गई जो संयम ने