बैरी पिया.... - 48

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दुबे के फोन पर मैसेज आया तो वह मैसेज चेक करने लगा । मैसेज देखकर ना जाने क्यों उसके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइल आ गई और एक उम्मीद सी जगी ।शिविका की लगातार सुनाई दे रही चीखें उसके सीने को‌ मानो चीर सा रही थी ।दुबे से रहा नहीं गया तो वो जल्दी से दरवाजा खोलकर अंदर चला गया ।सामने देखा तो शिविका जमीन पर लेटी हुई थी और ओमप्रकाश उसके ऊपर । उसने बेरहमी से शिविका के दोनों हाथों को उसके दोनों ओर अपने हाथों से जकड़ा हुआ था और जमीन से लगाया हुआ था ।अपना चेहरा